PMBJP योजना 2025: जन औषधि केंद्रों पर सभी ‘दवाओं की नई कीमत जारी

PMBJP योजना 2025

PMBJP योजना 2025: प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना का उद्देश्य देश के नागरिकों को कम कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराना है, इस योजना के तहत जनऔषधि केंद्रों के माध्यम से ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 80% तक कम कीमत पर दवाएं बेची जाती हैं, लेकिन हाल ही में, भारत सरकार द्वारा जीएसटी दरों में किए गए सुधारों ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को और अधिक सुविधा जनक बना दिया है।

क्युकी इन बदलावों के कारण, कई जीवन रक्षक दवाएं, विशेष रूप से कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं, अब शून्य या 5% जीएसटी दर के दायरे में आ गई हैं, जिसका सबसे अधिक लाभ जनऔषधि उपभोक्ताओं को मिल रहा है, क्युकी उनको पहले से कम कीमतों पर अच्छी क्वालिटी का दवाई उपलब्ध कराई जाएगी।

1. शून्य (0%) जीएसटी दर वाली जीवन रक्षक दवाएं

जीएसटी काउंसिल ने 33 सबसे अधिक महंगी और जीवनरक्षक दवाओं पर लगने वाले 12% जीएसटी को पूरी तरह से 0% कर दिया है, इसके अतिरिक्त 3 अन्य दवाओं पर जीएसटी को 5% से घटाकर 0% कर दिया गया है, इन दवाओं का उपयोग मुख्य रूप से कैंसर जैसे दुर्लभ बीमारियों और अन्य गंभीर दीर्घकालिक बीमारियों को ठीक करने के लिए कीया जाता है।

2. कम जीएसटी दर वाली अन्य दवाएं

कुछ अन्य आवश्यक दवाओं और चिकित्सा उत्पादों पर जीएसटी दरों में कमी की गई है, पहला है 5% जीएसटी: कई जीवन रक्षक दवाएं, टीके, इंसुलिन, मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन, थर्मामीटर, डायग्नोस्टिक किट और सर्जिकल उपकरण अब 5% जीएसटी के दायरे में आ गई हैं, दूसरा 0% जीएसटी जिसमें व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियां अब जीएसटी-मुक्त कर दी गई हैं, ये दवाइयाँ पहले 18% जीएसटी के साथ मिलती थी, इसके अलावा करेक्टिव चश्मे भी शून्य जीएसटी के दायरे में आ गए हैं।

PMBJP योजना 2025 के अंतरगत किए गए व्यापक सुधारों के बाद, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के तहत मिलने वाली दवाएं अब और सस्ती हो गई हैं, इन सुधारों की वजह से 33 महंगी और जीवन रक्षक दवाओं पर लगने वाला 12% का जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, जिससे उनकी अंतिम कीमत में एक बहुत बड़ी बदलाव आई है, ये दवाएं मुख्य रूप से कैंसर, हीमोफीलिया और किडनी ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर व दुर्लभ बीमारियों के इलाज में उपयोग होती हैं।

इसके अलावा, कई अन्य आवश्यक दवाएं और चिकित्सा उपकरण जैसे ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स और इंसुलिन जैसी दवाइयाँ अब 5% जीएसटी से नीचे की स्लैब में आ गए हैं, हलाकी पहले इन पर 12% तक टैक्स लगता था, इस जीएसटी कटौतियों का सीधा असर जनऔषधि केंद्रों पर उपलब्ध सभी 2,110 से अधिक उत्पादों की कीमतों पर पड़ेगी, क्योंकि उनकी कीमतें पहले से ही ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 80% कम होती हैं, जिससे आम जनता को इलाज के खर्च में सालाना करोड़ों रुपये की और अधिक बचत होगी।

PMBJP योजना 2025 के तहत जीएसटी दरों में यह ऐतिहासिक कटौती हुई है, क्युकी कम कीमत में उत्तम दवाई उपलब्ध होगी, साथ ही इन 36 जीवन रक्षक दवाओं पर शून्य जीएसटी लागू होने से, ये उत्पाद जन औषधि केंद्रों पर अपनी पहले से ही कम एमआरपी से भी अधिक सस्ते हो जाएंगे, जिससे कैंसर और दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को सालाना लाखों रुपये की बचत होगी।

जिससे उनके परिवार को एक बड़ी आर्थिक सहायता मिलेगी, इस योजना से यह सुनिश्चित होता है कि गुणवत्तापूर्ण और आवश्यक दवाओं तक देश के हर नागरिक की पहुँच हो, और उन्हें महँगी ब्रांडेड दवाओं पर निर्भर न रहना पड़े, सरकार के इस निर्णय से स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ बनाने और नागरिकों पर स्वास्थ्य संबंधी वित्तीय बोझ को कम करने के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।

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